शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Wednesday, November 03, 2010
Tuesday, November 02, 2010
निशब्द ...
कभी कभी
कुछ कहना कितना मुश्किल होता है
शब्दों की गांठ बंधना
आसान कहाँ ||
इन शब्दों में
पिछलन गजब की है
इनके उलझनों को सुलझाना
आसान कहाँ ||
अच्छा है अहसास
मूक ही रहें
इन्हें शब्दों की कमीज पहनना
आसान कहाँ ||
Subscribe to:
Posts (Atom)
-
कभी देख लो एक नज़र इधर भी की रौशनी का इंतज़ार इधर भी हैं मुस्कुरा के कह दो बातें चार की कोई बेक़रार इधर भी हैं || समय बदलता रहता हैं हर...
-
कभी मैं जो रास्ता बनु तुम मेरी मंजिल, बन जाना कभी मैं तुममे और तुम मुझमे इस तरह सिमट जाना कभी || की जब बनु मैं सोच तुम अहसास बन जाना ...