मैंने ये ग़ज़ल सालो पहले लिखी थी , कभी यहाँ डालने का वक़्त नहीं मिला ...
जिसे याद करके रोये
वो हसे हमे भुला के
दिल ऐसा मेरा तोडा
छोड़ा, हमे रुला के ||
अच्छा था तेरा आना
मेरी ज़िन्दगी में माना
पूछो ना मुझसे कैसे
तडपाया तेरा जाना ||
एक बार तो मिला दे
फ़रियाद कर के रोये
सोया गया ना मुझसे
सारी रात भर के रोये || जिसे याद कर के रोये .....
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
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कभी देख लो एक नज़र इधर भी की रौशनी का इंतज़ार इधर भी हैं मुस्कुरा के कह दो बातें चार की कोई बेक़रार इधर भी हैं || समय बदलता रहता हैं हर...
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कभी मैं जो रास्ता बनु तुम मेरी मंजिल, बन जाना कभी मैं तुममे और तुम मुझमे इस तरह सिमट जाना कभी || की जब बनु मैं सोच तुम अहसास बन जाना ...
... बहुत सुन्दर !!!
ReplyDeletetruly brilliant..
ReplyDeletekeep writing............all the best
RAHUL JI AB TAK KAHAN CHUPA RAKHI THI GAJAL
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